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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१२६

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गोल-सभा जिसके आधार पर आपको समझौते के लिये खड़ा होना पड़ा है, वह हमारे सामने है। और, वह पत्र भी हमारे सामने है.. जिसमें समझौते के संबंध में पंडित मोतीलाल नेहरू और मि० स्लोकोंब के बीच तारीख २० जून को कुछ शर्ते निर्धारित हुई हैं, जिन्हें पंडित मोतीलाल नेहरू ने २५ जून को स्वीकार किया है। इसी पत्र के आधार पर १६ जुलाई को जो पत्र वाइसराय ने आपके नाम लिखा है, खेद है, उसमें हमें कोई भी संतोष-. जनक बात नहीं मिलती। यहाँ प्रसंग-वश पंडित मोतीलाल नेहरू की स्वीकृत की हुई शर्तों का और वाइसराय के लिखे हुए पत्र का कुछ उल्लेख करना आवश्यक हो गया है। शत यदि गोल-सभा की शर्ते स्पष्ट रूप से प्रकाशित कर दी जाय, तो हम डोमीनियन-स्टेटस का प्रश्न लेकर उस कान्फस में सकते हैं। यदि यह स्पष्ट रूप से प्रकट कर दिया जाय कि गोल- सभा भारतवर्ष के लिये डोमीनियन-स्टेटस की व्यवस्था करेगी, और उन व्यवहारों का निर्णय करेगी, जो भविष्य में भारतीय और ग्रेट ब्रिटेन, दोनो के बीच बर्ते जायँगे, एवं उन बातों का तत्काल निर्णय करेगी, जिनको भारतवर्ष चाहता है, तो मैं कांग्रेस से सिफारिश करूँगा कि वह लंदन में होनेवाली इस सभा का निमंत्रण स्वीकार कर ले । हम अपने घर के स्वयं ही मालिक होंगे। लेकिन हम इसके लिये तैयार हैं कि ब्रिटिश- के स्थान पर उत्तरदायित्व पूर्ण शासन की व्यवस्था करने जा शासन