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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१२७

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नवा अध्याय ११७ लिये कुछ शर्ते पेश की जायें, और उन पर विचार हो। हम इंगलैंड में रहनेवाले अँगरेजों के साथ उन शर्तों पर बातचीत करेंगे, और बातचीत करेंगे एक राष्ट्र के प्रतिनिधि होने की हैसियत से, दूसरे राष्ट्र के प्रतिनिधियों के साथ, समान अधि- कारी होकर। मोतीलालजी की स्वीकृति भारत को उत्तरदायित्व-पूर्ण शासन का अधिकार दिया जाय, सरकार इसका समर्थन करेगी। इतने दिनों के सहयोग-काल के नाते भारत और ग्रेट ब्रिटेन के बीच परस्पर क्या व्यवहार होंगे, नई सरकार की स्थापना में किन-किन व्यवस्थाओं की आवश्यकता होगी, ये बातें गोल-सभा में निर्धारित होंगी। वाइसराय की इच्छा यह मेरी वास्तव में इच्छा है, और जैसा कि मेरी सरकार भी चाहती है, जिसके संबंध में मुझे कोई संदेह नहीं कि भार- तीय लोगों के उन प्रयत्नों में सब प्रकार सहायता की जाय, जो वे अपने यहाँ प्रबंध करने के लिये करें, और जिसके कर सकने के लिये वे क्षमता प्रदर्शित करें। किंतु कुछ उत्तरदायित्व लेने के लिये वे अभी समर्थ नहीं। वे मामले क्या हो सकते हैं, और किस प्रकार के प्रबंध भारतीय लोगों के लिये उपयोगी हो सकते हैं ये बातें गोल-सभा से संबध रखती हैं। लेकिन मैंने कभी इस बात पर विश्वास नहीं किया कि विना दोनो के परस्पर एक दूसरे पर विश्वास किए कुछ भी निर्णय हो सकता है। बातों का