पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/२३३

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पंद्रहवां अध्याय २१५ संख्यक दल के नेता को बुलावे, और मंत्रियों के नाम पेश करने को कहे । मंत्री साधारणतः चुने हुए मेंबरों में से हों। मंत्रि-मंडल गवर्नर गैर-सरकारी अनिर्वाचित मेंबर को भी मंत्री नियुक्त कर सकता है, परंतु ६ महीने के अंदर वह व्यवस्थापिका के किसी भवन में चुनाव द्वारा पहुँचे । सरकारी पुरुष मंत्री न हो। (लॉर्ड जेटलैंड और रॉबर्ट हैमिल्टन असहमत) मंत्रिमंडल में अल्प-संख्याओं का प्रतिनिधित्व होना चाहिए, और गवर्नर को जो आदेश दिए जायें, उनमें इसका समावेश कर दिया जाय । ( श्रीचिंतामणि असहमत) गवर्नर के अधिकार १-व्यवस्थापिका के संबंध में- ( क ) वह व्यवस्थापिका को बर्खास्त कर सकता है, किसी कानून को रद्द कर सकता है, बिल को वापस कर सकता है या गवर्नर जनरल की स्वीकृति के लिये रख सकता है। ऐसा कोई बिल उसकी स्वीकृति के विना पेश नहीं हो सकेगा, जो (क) किसी के धर्म से संबंध रखता हो, (ख) किसी केंद्रीय विषय की व्यवस्था करे, (ग) केंद्रस्थ व्यवस्थापिका के किसी कानून या वाइसराय के आडिनेंस पर प्रभाव डाले । २-कार्य-संचालन (क) गवर्नर को वे सब सूचनाएँ दी जायँगी, जो उसके पद के कार्य के लिये आवश्यक हों।