२१६ गोल-सभा 3 (ख)मंत्रिमंडल की बैठकों का सभापति प्रधान मंत्री होगा। १२ जनवरी को फेडरेशन-सब-कमेटी की रिपोर्ट प्रकाशित होकर सब प्रतिनिधियों के हाथों में आ गई । उसमें इस आशयः की सिफारिशें की गई हैं- (१) शासन-शक्ति वाइसराय में केंद्रित होगी। (२) उसके नीचे एक ऐसा मंत्रि-समुदाय होगा, जिसकी नियुक्ति वाइसराय करेगा, और जो लेजिसलेचर के समक्ष उत्तर- दायी न होगा। (३) उसमें कुछ मंत्री ऐसे भी होंगे, जिनके अधीन हस्तांत- रित विभागों की बागडोर होगी। ये लेजिसलेचर के समक्ष उत्तरदायी होंगे, औरतभी तक मंत्री रह सकेंगे, जब तक लेजिस- लेचर का उन पर विश्वास रहेगा। (४) फिलहाल लिफ्रेंस, विदेशी नीति आदि विभागों का पूर्ण उत्तरदायित्व गवर्नर जनरल होगा, और शेष सब विभाग जैसे लॉ ऐंड ऑर्डर, फाइनांस, कॉमर्स आदि उत्तरदायी मंत्रियों के सुपुर्द कर दिए जायेंगे। यह शर्त साथ रख दी गई है कि गैर-मामूली हालतों में गव- नर जेनरल को अपनी जुम्मेवारी से स्वेच्छा-पूर्वक कार्य करने का अधिकार होगा। (५) उत्तरदायी मंत्रियों के मंत्रिमंडल का सम्मिलित उत्तर- दायित्व होगा। (६) उत्तरदायी विभागों के मंत्रिमंडल बनाने में वह उसूल
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