सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/२३५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पंद्रहवां अध्याय काम में लाया जायगा कि गवर्नर जनरल एक व्यक्ति को चुनें- कर शेष मंत्रियों के चुनाव का काम उस पर छोड़ दे। (७) दो नियामक संस्थाएँ होंगी। निचले हाउस में २००० सदस्य होंगे और अपर चेंबर में १५०। अपर हाउस की रचना लगभग कौंसिल ऑफ इस्टेट-जैसी होगी। उसमें राजों और प्रांतीय नियामक सभाओं के प्रतिनिधि भी होंगे। (८) निचले हाउस की मियाद ५ साल होगी। मंत्रियों पर अविश्वास के प्रस्ताव का फैसला दोनो। हाउसों की सम्मिलित बैठक के दो तिहाई वोटों पर ही होगा। (1) नियामक सभाओं और एक्जीक्यूटिव में रियासतों के प्रतिनिधियों की स्थिति के संबंध में अभी तक कोई संतोषप्रद स्कीम नहीं बन सकी। इस संबंध में अभी और विचार किया जा रहा है। १३ ता की बहस फेडरल स्ट्रक्चर-सब-कमेटी की जो रिपोर्ट लॉर्ड शैंकी ने १२ ता को पेश की, उसे पर १३ ता० को सब-कमेटी में आखिरी बार विचार हुआ। बहुत-से सदस्य चुप रहे । मुसलमान प्रति- निधियों ने फिर अल्प-संख्यक संप्रदायों की संरक्षा पर जोर दिया। कंजर्वेटिवं सदस्यों ने सम्मिलित तौर पर यह जाहिर किया कि वे पूरा नक्शा तैयार हो जाने पर ही अपनी राय देंगे। रियासती प्रतिनिधियों ने भी कह दिया कि वे ब्रिटिश भारत से संबंध रखनेवाली बातों पर वोट नहीं देंगे। लॉर्ड शैंकी ने अपने वक्तव्य में कहा कि यद्यपि सब-कमेटी बहुत-से मामलों