गोल-सभा ऋतु-शुरू में वर्षा और बर्फ गिरने से बड़ी दिक्कत रही। लाजपत-नगर में सब जगह कोचड़ थी। डेरे टपक रहे थे। सर्दी खूब कड़ी थी, पर २६ तारोन का मौसम साफ हो गया। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक-२७ दिसंबर की शाम को लाजपत-नगर में आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई । सभापति पं० मोतीलाल नेहरू थे । दर्शक ठसाठस भर रहे थे। प्रारंभ में जेनरल सेक्रेटरी पं० जवाहरलाल नेहरू ने गत वर्षे को रिपोर्ट पढ़ सुनाई । इसके बाद सुभाष बाबू ने बंगाल- कांग्रेस कमेटी का झगड़ा उठाया। इस पर जो विवाद हुआ, उससे नाराज होकर सुभाष बाबू तथा कुछ मदरासी सभ्य वहाँ से उठ गए । सुभाष बाबू ने कार्य-समिति से इस्तीफ़ा भी दे दिया। रिपोर्ट पर बहस शुरू हुई । उसमें मदरास-सरकार द्वारा मद्य-निवारण के लिये ४ लाख रुपए की मंजूरी को जो बात कही गई थी, उसका विरोध मुरंग मुदालियर ने किया। इसके बाद मालवीयजी के नाम ४५,८४२) रु० की रकम का जो पावना है, उस पर बहस हुई। निश्चय हुआ कि इसका निप- टारा महात्माजी और मालवीयजी कर लेंगे। श्रीबदरुलहसन के नाम जो २७००) रु० थे, उनके लिये कानूनी कार्यवाही करने का निश्चय प्रकट हुआ। इसके बाद रिपोर्ट स्वीकृत हुई। इसके बाद पं० मोतीलालजी ने सभापतित्व का भार पं० जवाहरलाल नेहरू के ऊपर सौंपते भाषण दिया। हिंदी में आपने कहा- -
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