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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/९९

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नवा अध्याय ८ योग-काल में पैदा किया हो एवं जिसकी पूर्ति और स्वीकृति गोल-सभा के द्वारा होनी हो । इसका विश्वास दिलाने पर और एक तीसरी पार्टी के उस विश्वास की जिम्मेदारी लेने पर, महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू की ओर से, पंडित मोतीलाल नेहरू अपने ऊपर उत्तरदायित्व लेंगे। यदि इस प्रकार के विश्वास दिलाए गए, और वे स्वीकृत भी हो गए, तो किसी प्रकार संधि संभव हो सकेगी। उसके आधार पर, कुछ शतों के साथ, एक ओर सत्याग्रह-आंदोलन वापस लिया जायगा, और दूसरी ओर सरकार का दमन बंद होकर समस्त राज- नीतिक दो छोड़े जायँगे, और अंत में इस संधि की शर्तों के अनुकूल गोल-सभा में कांग्रेस का अनुसरण करना होगा।" इसी संबंध में श्रीस और जयकर ने वाइसराय से भेंट की, और फिर १३ जुलाई को एक पत्र लिखकर महात्मा गांधो और नेहरू पिता-पुत्रों से मिलने की आज्ञा माँगी । वाइसराय की आज्ञा मिलने पर उक्त दोनो सजन यरवदा जेल में २३-२४ जून को महात्माजी से मिले, और बातचीत की। फल-स्वरूप महात्माजी ने एक नोट और एक पत्र नेहरू पिता-पुत्रों के नाम लिखकर उन्हें दिया। वह नोट इस प्रकार था- महात्माजी की शर्ते (१) यह प्रश्न जहाँ तक मुझसे संबंध रखता है, वहाँ तक मैं तो यही कहना चाहता हूँ कि यदि गोल-सभा मेंस्वाधीनता का प्रस्ताव रखने पर वह गैर-कानूनी करार न दे दिया जाय, बल्कि गोल-