पृष्ठ:चंदायन.djvu/१४

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कतिपय आयतोकी व्याख्या है और वह हिंदीके अजनों के अनुसार है। इसको पढ़कर लोग हृदय रूपी अहेरको आकृष्ट करते हैं। 'मुन्तखब' पे इस उद्धरणसे स्पष्ट है कि (१) दाउद मुल्ला नहीं मौलाना कहे जाते थे, (२) उनकी रचनाका नाम चन्दायन है, जिसे लेगोंने नुचोंपे हेर पेरसे चन्दावन या चन्दावत पदा है, (३) इस ग्रन्थमें सौरक (जिसे लोगेंने नरक पदा है) और चन्दाफी प्रेम पहानी है, (४) नूरक व चन्दा विसी पुस्तकमा नाम नहीं है । इससे भी अधिक महत्वकी बात जो ज्ञात हुई वह यह कि चन्दायन की रचना दिल्ली सुल्तान पीरोजशाह तुगलक्के समय (१३५१-१३८८ ई० के बीच) जौनाशाहके मंनित्वकालमें ७७२ हिजरी (१३७० ई०)के बाद किसी समय हुई थी। यह बात सामने आते ही मिश्रवन्धुके क्थन की गुत्यो अनायास ही सुल्झ जाती है। उन्होंने चन्दायनका रचना-याल १३८५ लगभग टीक ही दिया था। उनका जो भी सूत्र रहा हो, वह तप्यहीन न था। उनसे भूल देवल इतनी ही दुई कि १ भूल साम्दावली इस प्रकार है -दर सन् असनई व सई व सदममाय (७७२) सजिहाँ वर वफात याफत् व पिशरस जौनशाह नाम रहमा खिताब मुखातिब गदत । व रितार चन्दान्न (एशियाटिक सोसाइटी गालके हस्तलिखित अन्य सरया १५९२ में पदापन पाठ है) राकि मसनवीस्त बजरान हिन्ददी दर क्यान इक रोरक (नरक) व चंदा नाम माशिक वा माशूक व भटक खेले हात बरमा मस्त मौलाना दाउद बनाम को नजमर्द व मन निहायत शोहरत दरी दयार एहतियाज बतारोफ नदारद । व मखदूम शेख तपोउदोन वायज रमानी दर देहली बाजे यात तरीकी ओरा र मेम्बर मौनवाद व मदुम रा अब इस्तमाओं कारण गरीब रूए मौदाद । जू बाजे अफाजिल आ अहद शेख रापुरमीदद कि सदर भारदेवार ई मसनवी हिन्दवी चौस्त जवाप दाद मि तमाम हवायक व मानी सोरेस्तवमुदापिक परजान महल शौक व एक व मुताविक व तासीर दाजे आ आपात कुरमानी र खुरा मावाजाने हिन्द हाला हम रसवाद रवानीए ओ सैर दिल्हा मी नुमायन्द । (मुगलसा अल-तवारीस, सम्पादक मौलवी अहमद अटी, दिलिमोयिका इण्डिा सरीन, १८६८०, भाग १, पृ० २५०) जार्ज एस० ए० रकिंगने इसया बग्रेजी अनुवाद इस प्रकार दिया है न दि इयर ७७२ हि० (१३७० ए० को०) खान-ए-जहाँ दि वजीर सारड, एण्ड हित सन जनासह आवड दैट टाइग्लि, एण्ड दि दुक चन्दायन हिच इज ए ममनी इन हिन्दी रंगुएज रिटेटिंग विस्व ऑफरक एण्ड गेंदा, ए रवर एण्ड हिज मिस्ट्रेस, भरी पिक वर्क, वाज पुर इट् बर्स इन हिज अपनर पाई मौलाना दाद । देयर इज नो नोड पार मोटु प्रेजर विकाज आर इट्स ग्रेट मि इन देर पटरी, एण्ड मसदूम शेष तीरदीन वायज रफानी मूड टु रोड मान सम भोजन्स पोयम्स माफ हिज, फ्राम दि पुरपिर, एण्ड दि पिपुर टु पी रंजली इनफ्लयेर बाई हियरिंग देम, एण्ड हेन सरटेन ररनेट मेन भाव दैट टाइम भारवर दिस सेग, हुवाट इज द रीजन पार दिस हिन्दी मसनवी पोरग सेरेक्टेष्ट' ही भान्सई निहोर भाव ए इज डिवाइन भ एण्ड प्लोजिंग इन सबजेकर, का भाव दो एक्सटैटिक कण्टेम्टेशन आव डिदाउट लवर्स, एण्ड कन्फार्मेबुल टु रिटरप्रेटेशन भाव सम भाव दि मापस भाव ६ कुरान, एण्ड दि स्पोर सिंगर्म भाव हिन्दुरसान । मोर मओवर राईटम परस्मि रिस्टेिशन इयूमन हाईस आर टेकेन फैपटिव । (मुनतसपुत-त्तवारीस, मनुवाद, सिरियोपिया इणिस मारीज, १८९७०, माग १, पृ.१९३)