पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 4.djvu/१७१

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लक्ष्मीदेवी, कमलिनी, लाड़िली और नकली बलभद्रसिंह को लिए हुए इन्द्रदेव अपने गुप्त स्थान में पहुंच गये। दोपहर का समय है। एक सजे हुए कमरे के अन्दर ऊँची गद्दी के ऊपर इन्द्रदेव बैठे हुए हैं, पास ही में एक दूसरी गद्दी बिछी हुई है जिस पर लक्ष्मीदेवी, कमलिनी और लाडिली बैठी हुई हैं, उनके सामने हथकड़ी-बड़ी और रस्सियों पे जकड़ा हुआ नकली बलभद्रसिंह बैठा है, और उसके पीछे हाथ में नंगी तलवार लिए इन्द्रदेव का ऐयार सरयूसिंह खड़ा है।

नकली बलभद्रसिंह--(इन्द्रदेव से) जिस समय मुझसे और भूतनाथ से मुलाकात हुई थी, उस समय भूतनाथ की क्या दशा हुई, वो स्वयं तेजसिंह देख चुके हैं। अगर भूतनाथ सच्चा होता तो मुझसे क्यों डरता ? मगर बड़े अफसोस की बात है कि राजा वीरेन्द्र सिंह ने कृष्ण जिन्न के कहने से भूतनाथ को छोड़ दिया और जिस सन्दूकची को मैंने पेश किया था उसे न खोला, वह खुलती तो भूतनाथ का बाकी भेद छिपा न रहता।

इन्द्रदेव--जो भी हो, मैं राजा साहब की बातों में दखल नहीं दे सकता। मगर इतना कह सकता हूँ कि भूतनाथ ने चाहे तुम्हारे साथ हद से ज्यादा बुराई की हो, मगर लक्ष्मीदेवी के साथ कोई बुराई नहीं की थी, इसके अतिरिक्त छोड़ दिये जाने पर भी भूतनाथ भागने का उद्योग नहीं करता और समय पड़ने पर हम लोगों का साथ देता है।

नकली बलभद्रसिंह--अगर भूतनाथ आप लोगों का काम न करे तो आप लोग उस पर दया न करेंगे, यही समझकर वह...

इन्द्रदेव--(चिढ़कर) ये सब वाहियात बातें हैं, मैं तुमसे बकवास करना पसन्द नहीं करता, तुम यह बताओ कि जयपाल हो या नहीं?

नकली बलभद्रसिंह--मैं वास्तव में बलभद्रसिंह हूँ।

इन्द्रदेव--(क्रोध के साथ) अब भी तू झूठ बोलने से बाज नहीं आता, मालूम होता है कि तेरी मौत आ चुकी है, अच्छा देख मैं तुझे किस दुर्दशा के साथ मारता हूँ ! (सरयूसिंह से) तुम पहले इसकी दाहिनी आँख उँगली डालकर निकाल लो।

नकली बलभद्रसिंह--(लक्ष्मीदेवी से) देखो, तुम्हारे बाप की क्या दुर्दशा हो रही है!

लक्ष्मीदेवी--मुझे अब अच्छी तरह से निश्चय हो गया कि तू हमारा बाप नहीं है। आज जब मैं पुरानी बातों को याद करती हूँ तो तेरी और दारोगा की बेईमानी साफ मालूम हो जाती है। सबसे पहले जिस दिन तू कैदखाने में मुझसे मिला था, उसी दिन मझे तुझ पर शक हुआ था, मगर तेरी इस बात पर कि 'जहरीली दवा के कारण मेरा बदन खराब हो गया है' मैं धोखे में आ गयी थी।

नकली बलभद्रसिंह--और यह मोड़े वाला निशान?

लक्ष्मीदेवी--यह भी बनावटी है, अच्छा अगर तू मेरा बाप है तो मेरी एक बात का जवाब दे।