पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 5.djvu/६०

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नीचे उतरने के लिए चक्करदार सीढ़ियाँ बनी हुई थीं और हर एक सीढ़ी के दोनों तरफ गेंदे के बनावटी पेड़ बने हुए थे जो सीढ़ी पर पैर रखने के साथ ही झुक जाते और पैर (या बोझ) हट जाने से पुनः ज्यों-के-त्यों खड़े हो जाते थे। इस तमाशे को देखते हुए इन्द्रजीतसिंह कई सीढ़ियाँ नीचे उतर गये और जब अंधेरे में पहुँचे तो बन्द दरवाजा मिला जिसे उस समय कुमार ने कुछ खुला हुआ देखा था जब तक वहाँ तक पहुँचने में तीन-चार सीढ़ियाँ बाकी थी अर्थात् कुमार के देखते-देखते वह दरवाजा बन्द हो गया था।

कुमार को ताज्जुब मालूम हुआ और जब उद्योग करने पर भी दरवाजा न खुला तो कुमार ऊपर की तरफ लौटे। तीन सीढ़ियाँ ऊपर चढ़ने के बाद घूमकर देखा तो दरवाजे को पुनः कुछ खुला हुआ देखा मगर जब नीचे उतरे तो फिर बन्द हो गया।

इन्द्रजीतिसिंह को विश्वास हो गया कि इस दरवाजे का खुलना और बन्द होना भी इन्हीं सीढ़ियों के अधीन है। आखिर लाचार होकर कुछ सोचते-विचारते चले आए। ऊपर आते समय भी सीढ़ियों के दोनों तरफ वाले पेड़ों की वही दशा हुई अर्थात् जिस सीढ़ी पर पैर रखा जाता, उसके दोनों तरफ वाले पेड़ झुक जाते और जब उस पर से पैर हट जाता तो फिर ज्यों-के-त्यों हो जाते।

ऊपर आकर इन्द्रजीतसिंह ने कुल हाल आनन्दसिंह और भैरोंसिंह से कहा और इस बात का विचार करने की आज्ञा दी कि 'हम नीचे उतरकर किस तरह उस दरवाजे को खुला हुआ पा सकते हैं।'

थोड़ी देर बाद भैरोंसिंह ने कहा, "मैं पेड़ों का मतलब समझ गया, यदि आप मुझे अपने साथ ले चलें तो मैं ऐसी तरकीब कर सकता हूँ कि वह दरवाजा आपको खुला मिले।"

इस समय संध्या हो चुकी थी इसलिए सब लोगों की राय नीचे उतरने को न हुई। कुमार की आज्ञानुसार भैरोंसिंह ने उस गड्ढे का मुँह ज्यों-का-त्यों ढाँक दिया और उस बारहदरी में निश्चिन्ती के साथ बैठ बातचीत करने लगे क्योंकि आज की रात इसी बारहदरी में होशियारी के साथ रहकर बिताने का निश्चय कर लिया था और भैरोंसिंह के जिद करने से यह बात भी तय पाई थी कि इन्द्रजीतसिंह आराम के साथ सोवें और भैरोंसिंह तथा आनन्दसिंह बारी-बारी से जागकर पहरा


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आधी रात का समय है। तिलिस्मी बाग में चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ है। इमारत के ऊपरी हिस्से पर चन्द्रमा की कुछ थोड़ी-सी चाँदनी जरा झलक मार रही है बाकी सब तरफ अन्धकार छाया हुआ है। कुँअर इन्द्रजीतसिंह और आनन्दसिंह सोये हुए हैं और भैरोंसिंह एक खम्भे के सहारे बैठे हुए बारहदरी के सामने वाली इमारत को देख