पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/१४५

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दृश्य २ ]
चांदी की डिबिया
 

मिसेज़ बार्थिविक

[ रुखाई से ]

मेरी समझ में नहीं आता तुमहारा मतलब क्या है। अगर तुम अपने हक़ के लिए नहीं खड़े हो सकते, तो मैं तो खड़ी हो सकती हूँ। मुझे तुम्हारे सिद्धान्त ज़रा भी नहीं भाते। उन्हें लेकर तुम चाटा करो।

बार्थिविक

सिद्धान्त! तुम हो किस फेर में। सिद्धान्तों की यहाँ चर्चा ही क्या? क्या तुम्हें मालूम नहीं कि पिछली रात को जैक नशे में चूर था?

जैक

अब्बा जान!

मिसेज़ बार्थिविक

[ भयभीत होकर खड़ी हो जाती है ]

जैक, यह क्या बात है?

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