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चाँदी की डिबिया
[ अङ्क २
जैक
यह बात नहीं है, अम्मा। मुझे यहा आने की ख़ूब याद है---मैं ज़रूर आया हूंगा---
बार्थिविक
[ गुरसे से बेक़ाबू होकर, इधर से उधर तक टहलता हुआ ]
ख़ूब!और वह मनहूस थैली कहां से आगई! खुदा खैर करे! ज़रा सोचो तो जैक! यह सारी बातें पत्रों में निकल जायँगी। किसी को मालूम था कि मामला यहां तक पहुँचेगा। इससे तो यह कहीं अच्छा होता कि एक दर्जन डिबिये खो जातीं और हम लोग ज़बान न खोलते!
[ पत्नी से ]
यह सब तुम्हारी करतूत है। मैंने तुमसे पहले ही कह दिया था। अच्छा हो कहीं रोपर आ जाता।
मिसेज़ बार्थिविक
( तीव्र स्वर से )
मेरी समझ में नहीं आता तुम क्या बक रहे हो, जाँन।
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