पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/१५५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
दृश्य २ ]
चाँदी की डिबिया
 

[ जैक और मिसेज़ बार्थिविक दोनों चुप बैठे रहते हैं ]

बार्थिविक

[ जल्दी से आकर ]

शुक्र है आप आ तो गए! आप को याद है मैंने आज शाम को आप से क्या कहा था; जासूस अभी यहां आया था।

रोपर

डिबिया मिल गई?

बार्थिविक

हाँ, डिबिया तो मिल गई, पर एक बात है। यह मज़दूरनी का काम न था। उसके शराबी और ठलुये शौहर ने वे चीज़ें चुराई थीं। वह कहता है कि यही रात को उसे घर में लाया था

१४७