पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/१५७

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दृश्य २ ]
चांदी की डिबिया
 

मिसेज़ बार्थिविक

[ हाथों से आंखों को छिपाकर ]

नहीं! नहीं! यह बात तो नहीं हैं---

[ बार्थिविक और रोपर घूम कर उसकी ओर देखने हैं ]

बार्थिविक

उस औरत पर कह रही हैं। वह बात अभी अभी इनके कानों में पड़ी है।

[ रोपर सिर हिलाता है और मिसेज़ बार्थिविक अपने होंठों को दबाकर मन्द दृष्टि से जैक को देखती है और मेज़ के सामने बैठ जाती है ]

आखिर, क्या करना चाहिए रोपर? वह लुच्चा जोन्स इस थैली वाले मामले को खूब बढ़ावेगा, बात का बतंगड़ बनादेगा।

मिसेज़ बार्थिविक

मुझे विश्वास नहीं आता कि जैक ने थेली ली।

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