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पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/१६४

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चांदी की डिबिया
[ अंक २
 

तूत उसे दिखाई और तुम्हारी दशा इतनी ख़राब थी कि तुम्हें वें बातें बिलकुल याद नहीं, तो---

रोपर

[ जल्दी से ]

मुझे ख़ुद कोई बात याद नहीं रहती। याददाश्त इतनी कमज़ोर है।

बार्थिविक

[ निराशा भाव से ]

तो मैं नहीं जानता कि तुम्हें क्या कहना पड़ेगा!

रोपर

[ जैक से ]

तुम्हें कुछ कहने की ज़रूरत नहीं। अपने को इस झमेले में मत डालो। औरत ने चीज़ें चुराई या मर्द ने चीज़ें चुराईं आपको इससे कुछ मतलब नहीं। आप तो सोफ़ा पर सो रहे थे।

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