पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/१७४

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चाँदी की डिबिया
[ अड़्क २
 

बार्थिविक

मैं खिड़की बन्द किए देता हूँ, फिर तुम्हें कुछ न सुनाई देगा।

[ वह खिड़की बन्द कर देता है और सन्नाटा हो जाता है। ]

मिसेज़ बार्थिविक

[ तीव्र स्वर में ]

इससे कोई फ़ायदा नहीं। मेरा दिल धड़क रहा है। मुझे किसी बात से इतनी घबड़ाहट नहीं होती, जितनी किसी बालक के रोने से।

[ मार्लो आता है ]

यह कैसा रोने का शोर है मार्लो? किसी बच्चे की अावाज़ मालूम होती है।

बार्थिविक

बच्चा है। उस मुँडेर से चिपटा हुआ दिखाई तो पड़ता है।

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