पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/२०७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
दृश्य १ ]
चाँदी की डिबिया
 

काम किया। जब जासूस अफ़सर आया तो हम लोगों में इसीके बारे में कहा सुनी हो रही थी। क्योंकि हज़ूर, इसने मुझे तबाह कर दिया। अब मुझे कौन नौकर रक्खेगा। मेरे तीन तीन बच्चे हैं हज़ूर।

मैजिस्ट्रेट

[ गर्दन बढ़ाकर ]

हाँ, हाँ! लेकिन उसने तुमसे कहा क्या?

मिसेज़ जोन्स

मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे ऊपर ऐसी क्या अाफ़त आई कि तुमने ऐसा काम कर डाला। उसने कहा कि यह नशे के कारण हुआ। मैंने बहुत शराब पी ली थी और न जाने मुझपर क्या सनक सवार हो गई थी। और बात यह है हज़ूर, कि उन्होंने दिन भर कुछ नहीं खाया था। और जब ख़ाली पेट कोई शराब पीता है, तो चट दिमाग़ पर असर हो जाता है। हज़ूर, न जानते हों लेकिन यह बात सच है।

१९९