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चाँदी की डिबिया
[ अड़्क ३
मैजिस्ट्रेट
इस प्रकार बिगड़ कर तुम अपने मुक़दमे को कुछ मदद नहीं पहुँचा रहे हो। अगर सभी तुम्हारी तरह करने लगें तो हमारा काम ही न चले।
जोन्स
[ आगे झुककर, चिन्तित स्वर में ]
लेकिन उसकी क्या दशा होगी? इस बदनामी से उसे जो नुक़सान हुआ, वह कोन भरेगा।
मिसेज़ जोन्स
हज़ूर, बच्चों की फ़िक्र इन्हें सता रही है। क्योंकि मेरी नौकरी जाती रही। और इस बदनामी की वजह से मुझे दूसरा मकान लेना पड़ा।
मैजिस्ट्रेट
हां हां, मैं जानता हूं। लेकिन इसने अगर ऐसा काम न किया होता, तो किसी का कुछ न होता।
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