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दृश्य १ ]
चांदी की डिबिया
जोन्स
[ घूम कर जैक की तरफ़ देखते हुए ]
मेरा काम इतना बुरा नहीं है, कि जितना इनका। पूछता हूँ इनका क्या होगा?
[ गंजा काँस्टेबिल फिर कहता है----चुप ]
रोपर
मिस्टर बार्थिविक, यह अर्ज़ कर रहे हैं कि क़ैदी ग़रीबी का ख़याल करके वह डिबिए के मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते। शायद हज़ूर। दंगे कर काररवाई करेंगे।
जोन्स
मैं इसको दबने न दूँगा। मैं चाहता हूं, कि सब कुछ इंसाफ़ के साथ किया जाय--मैं अपना हक़ चाहता हूँ।
मैजिस्ट्रेट
[ डेस्क को पीट कर ]
तुमको जो कुछ कहना था, कह चुके। अब चुप रहो।
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