सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/४७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
दृश्य ३ ]
चाँदी की डिबिया
 

मारलो

जी नहीं।

वार्थिविक

तुम उसे कहाँ छोड़ आए हो?

मारलो

बड़े कमरे में हुजूर!

बार्थिविक

बड़े कमरे में! तुम कैसे जानते हो कि वह चोरनी नहीं है? घर की कुछ टोह लेने आई हो?

मारलो

मुझे ऐसी तो नहीं मालूम होती।

वार्थिविक

ख़ैर, यहां लाओ। मैं खुद उससे मिलूँगा।

३१