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चाँदी की डिबिया
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मिसेज़ जोन्स

[ धीरे से ]

जब तुम अपने होश में रहते हो, तो ऐसी पटाँग बातें करते हो, जैसी नशे में नहीं करते। अगर तुन्हें काम न मिला हमारी गुजर कैसे होगी? मालिक मकान यहां रहने न देगा। वह तो आज रुपए के लिए आता होगा।

जोन्स

तुम्हारे इस बार्थिविक को देखता हूँ, रोज़ की बंसी बजाता हुआ पार्लिमेंट में जात और वहां गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाता

और उसके छोकरे को भी देखता हूं, जो से इधर-उधर ऐंठता फिरता है। उन्होंने कौन सा काम किया है, कि वे यों गुत उड़ायें। अपनी ज़िन्दगी में कभी एक दिन भी काम नहीं किया। मैं उन्हें हर रोज देखता

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