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चोखे चौपदे

क्या हुआ पजे कड़े जो मिल गये।
आदमीयत किस लिये हो छोड़ते॥
तोड़ना हो सिर बुरों का तोड़ दो।
क्यों किसी की उँगलियाँ हो तोड़ते॥

पाँव भी रक्खें अहितपथ मे न तो।
हित अगर कर दें न उठते बैठते॥
कुछ किसी से अठ क्यों फूले फिरें।
अठ पजों को रहें क्यों अठते॥

तो हुआ नाम क्या सधा मतलब।
जो चला काम सिर किये गजा॥
जो रही आनबान कान मले।
जो मिला मान मोड़ कर पजा॥

चुभ सका कम या बहुत ही चुभ सका।
कम दिया या दुख दिया उस ने बड़ा॥
जान पर तो मेमने के आ बनी।
क्या मोलायम और क्या पजा कड़ा॥