पृष्ठ:चोखे चौपदे.djvu/१७

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चोखे चौपदे

हैं चमकदार गोलियां तारे।
और खिली चाँदनी बिछौना है॥
उस बहुत ही बड़े खेलाड़ी के।
हाथ का चन्दमा खेलौना है॥

भेद वह जो कि भेद खो देवे।
जान पाया न तान कर सूते ॥
नाथ वह जो सनाथ करता है।
हाथ आया न हाथ के बूते ॥

सब दिनों पेट पाल पाल पले।
मोहता मोह का रहा मेवा ॥
है पके बाल पाप के पीछे।
आप के पाँव की न की सेवा ॥

जो निराले बड़े रसीले है।
पा सके फूल फूल फल वे हम ॥
चाह है यह ललक ललक देखें।
लाल, के लाल लाल तलवे हम ॥