पृष्ठ:जमसेदजी नसरवानजी ताता का जीवन चरित्र.djvu/३३

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जमसेदजी नसरवानजी ताता-


किसीने इस विषय पर गंभीरतासे विचार किया। विचार भी करता वही जिसमें पूर्ण विद्या, अच्छी सम्पत्ति, विशाल बुद्धि और अतुलनीय अनुभव हो। इस कामके लिये पहलेहीसे महापुरुष जमसेदजी नसरवानजी ताताका जन्म होचुका था।

इंजिनियर मिस्टर डेविड गाललिंगने पहले पहल मिस्टर ताताके चित्तमें यह विचार उत्पन्न किया। मरनेके तीस बरस पहलेसे मिस्टर ताता बराबर इस विषय पर सोचते रहे। लेकिन सन् १८९७ ई॰ तक सिर्फ विचारही विचार रहा। मिस्टर आर॰ बी॰ ज्वायनेर सी॰ आई॰ ई॰ ने जांच करके एक विचार पूर्ण रिपोर्ट तैयार की। दुःखकी बात है कि यह काम ताता महोदयकी जिन्दगीमें शुरू न किया जासका। लेकिन आपके सुयोग्य पुत्रोंने पिताकी अंतिम लालसा पूर्ण करनेके लिये कोई बात उठा न रखी। ऐसे मनस्वी और उद्योगी पुत्रोंकी देशभक्ति और कई पितृ व्रत की प्रतिज्ञा कैसे अपूर्ण रह सकती थी।

सन् १९११ ई॰ में इमारतकी नींव पड़ी और आशा की जाती थी कि सन १९१४ ई॰ तक बिजली तैयार होने लगेगी। इतने बड़े काममें कुछ देर होही जाती है, इसलिये धाराप्रवाह खोलनेका उत्सव तारीख २ फरवरी सन् १९१५ ई॰ में हुआ। पहले मालूम होता था कि कम्पनीकी पूंजीके लिये काफ़ी रुपया नहीं मिलेगा। लेकिन हिन्दुस्तानके भीतरही आनन फानन में २ करोड़ रुपये इकट्ठे हो गये। हर्षकी बात है कि देशी रजवाड़ोंने भी इसमें अच्छी आर्थिक सहायता दी। पानी इकट्ठा करनेका