पृष्ठ:जमसेदजी नसरवानजी ताता का जीवन चरित्र.djvu/३४

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जीवन चरित्र।


इतना बड़ा कारोबार शायद दुनियां में दूसरा नहीं है। इस कारखानेमें पीपेसे इतना पानी निकलता है जितना टेम्स नदीमें ७ महीनों में बहता है।

इसमें संदेह नहीं कि इस कारखानेमें हिस्सेदारोंको बहुत अच्छा मुनाफा होगा। लेकिन महज मुनाफेके ख्यालसे न तो ताताने इस कामको उठाया और न बड़े बड़े रजवाड़ोंने रुपये दिये। इन सब लोगोंका मुख्य प्रयोजन था देशोद्धार, बंबईके कारखानोंकी बिजलीकी ताकत देकर उनकी तरक्की करना और इस तरह लैंकशायरके मुकाबिलेमें कामयाब रहना। इसके अलावे बंबईको एक फायदा और है। धूएंके स्थानमें बिजली व्यवहार करनेसे शहरकी तंदुरुस्ती भी ठीक रहेगी। पीनेके लिये अच्छा पानी मिल जायगा और ३० या ४० हजार एकड़ जमीन सींचकर तरकारी और फल पैदा किये जासकते हैं। एकही काममें एक साथ इतने अधिक फायदे बहुत कम देखे गये हैं लेकिन ताता हाइड्रो एलेक्ट्रिक पावरसप्लाई कंपनीने ऐसा कर दिखलाया।

हर्षकी बात यह है कि इस कार्य्यको न सिर्फएक हिन्दुस्तानी सज्जनने उठाया बल्कि कम्पनीकी पूंजी भी हिन्दुस्तानियोंसे मिली है और डिरेक्टर लोग सबके सब हिन्दुस्तानी हैं। ताताजीके सुयोग्य पुत्र सर दोराब ताताने कारखाना खोलते वक्त अपने व्याख्यानमें इस बातको गर्वके साथ दिखलाया था कारखाने में कई काम साथ साथ किये जाते हैं। वर्षाका पानी