की हैसियतमें लें, या एक दानवीर सज्जनके रूपमें उनको देखें, एक बात सब जगह मिलैगी। ताताके जीवनका प्रधान गुण यह था कि उनके ख्यालात सदा ऊंचे रहते थे। संसारसे ऊंचसे ऊंचे विचार आपके चित्तको आकर्षित करते रहते थे। यह कहा जाता है कि मिस्टर ताताका दिमाग ख्यालातोंसे भरा रहता था। ठीक बात तो यह है कि उनका मस्तिष्क हृदय उमगानेवाले आदर्शो से पूर्ण रहता था। इससे भी ठीक यह बात होगी कि मिस्टर ताता स्वप्न देखनेवाले आदमी थे। इसमें शक नहीं कि ख्याली पुलाव बेवकूफ आदमी पकाते हैं। लेकिन बेवकूफोंके ख्यालात उनके मन में पैदा होकर वहीं मर जाते हैं। विचारको कामके रूपमें बदलना उनकी शक्तिके बाहर है। विचारवान आदमी अपने स्वप्नको कार्य रूपमें कर दिखलाता है। अगर वह कभी नाकामयाब भी रहता है तो भी उसके उद्योग और परिश्रमसे संसारके दूसरे लोगोंको नसीहत मिलती है। ताताजीमें खास बात यह थी कि वे अपने स्वप्नको स्वप्न नहीं रहने देते थे। उनके विचार कार्य रूपमें परिवर्तित होजाते थे।
ताताजीका बड़ा भारी गुण यह था कि वे सदा व्यवसायमें आध्यात्मिक भाव ला देते थे। आपने अपने इस गुणके कारण कलाकौशल और व्यवसायको साहित्यका स्थान देदिया था। इस देशके बहुतसे लोग समझते थे कि कारीगरी हाथकी चीज है और कलाकौशल रूखा व्यवसाय है। लेकिन ताताजीने अपने चरित्रसे दिखला दिया कि सच्ची कारीगरी दिमागके बिना हो ही