गजपुरीजीकी पुस्तकें।
श्रीमान् पं॰ मन्ननजी द्विवेदी, गजपुरी, बी॰ ए॰, एम॰ आर॰ ए॰ एस॰ का नाम हिन्दीके प्रायः सभी पाठक जानते हैं। कवितायें जैसी आप की जोरदार होती हैं वैसे ही गद्यमें भी सजीवता भरी रहती है। हिन्दीके प्रेमी पाठक हाथों हाथ आपकी पुस्तकें खरीदते हैं। आप की नीचे लिखी पुस्तकें हमारे यहांसे मिलती हैं।
रामलाल— अपने ढङ्गका पहला और निराला उपन्यास है। गावोंकी दशाका सच्चा और मार्मिक चित्त है। बिल्कुल स्वतन्त्र है। पुस्तक की छपाई इण्डियन प्रेसकी है। दाम २२८ पृष्ठ की पुस्तक का केवल ।।।//)
भारतके प्रसिद्ध पुरुष—भारतके १७ प्रसिद्ध पुरुषोंके जीवनचरित्र अत्यन्त सरल रीतिसे सीधी सादी भाषामें लिखे गये हैं। मूल्य केवल ।//) आना।
आर्यललना—भारतकी अनेक वीर और विदुषी स्त्रियों के चरित्र। इस पुस्तककी भाषा भी बड़ी सरल है। थोड़ी पढ़ी-लिखी स्त्रियां और लड़कियां भी इसे पढ़कर लाभ उठा सकती हैं। मूल्य ।)
प्रेम—पांच सौ लाइनोंमें प्रेमकी पद्यात्मक कहानी है। प्रत्येक प्रेमीको इसका रस चखना चाहिए। उदाहरण के लिए एक पद्य उद्धृत है।
"प्रेम-रत्न मत खोना चाहै सोना हीरा लुट जावै।
पीके हीसे हृदय न टूटै चाहे दुनियां छुट जावै॥"