पृष्ठ:जातिवाद का उच्छेद - भीम राव अंबेडकर.pdf/१०५

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( १५ ) असफअली का पाणिग्रहण किया था, उस समय आप सोए थे ? उस समय आप गेमैयत जोश में क्यों न आई । यो ब्राण-कन्या के किसी दूसरी जाति के हिंदू के साथ दिया। ने से । अापके रक्त की पवित्रता नष्ट होती है? जब भालाधारी माया तीन-तीन, चार-चार नागर लड़कियों से विवाह करता है, तब आप को नाथरों का अपमान क्यों नहीं लटकता है । आक्षेप–प्रधान युगों के उदाहरण देना ठीक नहीं । वासराय की औंसिल के कानून मेंबर, माननीय सर जार्ज बस को मालूम रहना चाहिए कि जो प्राचीन प्रथाएँ अपनी स्वाभाविक मृत्यु में मर सुकी हैं, उनका पालन किसी भी देश में अगली पीढ़ियों पर भविश्यक नहीं हो सकता । जब तक उनकी केवल उपयोगिता नहीं, परन् वर्तमान प्रयोजनों के लिये उनी विशेष अवश्यकता भी सिद्ध न की जाये, कोई भी व्यक्ति उनको पुनर्जीवित करने का विचारे मन में नहीं ला सका । समाज के बंधनों को तोड़ जिने की इच्छा वनेवाले उच्छखने लोगों को प्राचीन धर्म-ग्रंथों में से सब प्रकार के उदाहरण मिल सकते हैं। देखिए, में पहले आठ प्रकार के विवाह थे । वे पुराने समयों के विवाह की थी. बहुत ढीली और अनिश्चित अवस्था के घोतक हैं। इसलिये पिछले हिंदुस्मृतिकारों ने कलि युग के लिये उन निषेध कर दिया है । अब केवळ ब्राह्म-विवार को ही आज्ञा है। और वही प्रचलित है । उत्तर–बात असल में यह है कि भिन्न-भिन्न राति-रिवाज मनुष्य समाज के सुख-शांति के लिये बनाए जाते हैं में कि जैसा कि सनातनी लोग समझे बैठे हैं, समाज उनके लिये । अवश्यकता के अनुसार उनमें किसी भी समय परिवर्तन किया जा सकता है । प्राचीन आर्य या वि मग ममर्थ थे । । अाजकर ३ सत्ताहीन