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जातियाँ कैसे और कब उत्पन्न हुईं।

जातियाँ कैसे और कब उत्पन्न हुई ।

ऊपर लिखित सिद्धांत समझ लेने के पश्चात् अपने आप यह प्रश्न उठता है कि भारत में यह जातियां कैसे बन गई और कब से बनी ?

यह तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि महाभारत के समय तक जातियां नहीं थीं। जो कुछ भी हुआ वह महा- भारत के पश्चात् ही हुआ । आज से ढाई हजार वर्ष पहले सारा भारतवर्ष बौद्ध हो गया था । उस समय भी कोई जाति नहीं थी, यहांतक कि वर्ण और आश्रम भी मिट चुके थे । बहुत समय तक ऐसी ही दशा रही । फिर स्वामी शंकराचार्य महाराज का जन्म हुआ। उन्होंने भारतवासियों को उपदेश देकर फिर से वैदिक धर्मी बनाया और वर्ण तथा आ- श्रम धर्म का प्रचार किया। इससे साफ परिणाम निकलता है कि जात-पाँत का बखेड़ा स्वामी शंकराचार्य के पश्चात् आरंभ हुवा और अब तक जारी है।

अजमेर निवासी पंडित गौरीशंकरजी ओझा पुरातत्व के अद्वितीय पंडित और 'प्राचीन लिपिमाला' नामक पुस्तक के रच यिता हैं। आपने बड़े परिश्रम से राजस्थान का इतिहास लिखा है। उसमें बड़ी खोज के साथ और प्राचीन शिलालेखों के आधार पर सिद्ध कर दिया है कि आज से ६०० वर्ष पहले तक चारों