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पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/१२३

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एक एम० एस सी० पास रेडियो इजीरियर म, जो मुसलमान था और दूमर पागलो से बिल्कुल अलग थलग बाग की एक खास रविश पर दिन भर चपचाप टहलता रहता था , यह तीली आई कि उसने अपन तमाम कपडे उतारकर दफादार के हवाले कर दिए और नग घडग सार बाग मे घूमना शुरु कर दिया ।

चिनयोट के एक मुसलमान पागल ने, जो मुस्लिम लीग का सत्रिय कायकत्ता रह चका था और जो दिन में पद्रह सोलह बार नहाया करता था , एकाएक यह आदत छोड दी । उसका नाम मुहम्मद अली था , इमलिए एक दिन उसने अपने जगले में घोषणा कर दी कि वह कायदे-- आजम मुहम्मद अली जिन्ना है । उसका देखादेखी एक सिख पागल मास्टर तारासिंह बन गया था । सभव था कि उस जगले मे सून खराबा हो जाता लेकिन उहे खतरनाक पागल करार देकर अलग अलग स्थानो मे बद कर दिया गया । ____ लाहौर का एक नौजवान हिन्द वकील था जा प्रेम म असफल होकर पागल हो गया था -~- जब उसने सुना कि अमतसर हिदुस्तान में चला गया है तो उसे बहुत दुख हुआ । उसी शहर की एक हिंदू लड़की से उसको प्रेम हो गया था । यद्यपि उसने उस वकील का ठुकरा दिया था , लेक्नि पागलपन की हालत मे भी वह उसे नही भुला सका था । इस -- लिए वह उन सब हिन्दू और मुस्लिम लीडरो को गालिया देता था , जिन्होंने मिल मिलाकर हिंदुस्तान के दो टुकडे कर दिए थे । प्रेमिवर हिदुस्तानी बन गई थी और वह पाकिस्तानी । ___ जब अदला-बदली की बात शुरू हुई तो वकील को पागला ने मम झाया कि यह दुखी न हो, उसकोहिदुस्तान भेज दिया जाएगा उस हिदुस्तान म जहा उसकी प्रेमिका रहती है । लेकिन यह लाहौर छोडना नही चाहता था , इसलिए कि उसका खयाल था कि अमतसर म उमकी प्रक्टिस नहीं चलेगी । यूरोपियन वाड मे दो ऐंग्लो इण्डियन पागल थे । उनको जब मालूम हुआ कि हि दुस्तान को आजाद करके अग्रज चले गए हैं तो उनको बडा दुख हुप्रा । वे छिप छिपवर घण्टा आपस मे इम गभीर समस्या पर बातचीत करते रहतं वि पागलखाने में प्रव उनकी 124 / टोबा टेकसिंह