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पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/१८०

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खास अदाज म वयान को तो मुनने वालो के पेट में हमते हसते बल पड गए । जब वे लाग भोलू में मिले तो उहाँन उमका खूब मजाक उडाया । कोई उससे पूछता हा भाई, क्ल्लन अपनी जोरू से क्या बातें करता है । कोई वहता, यार, मुफ्त मे मजे लेते हो सारी रात फिल्म देखते रहते हा सौ फीसदी वोलती गाती कुछ ने उससे गन्दे ग दे मजा किए । भोलू बेतरह चिढ़ गया ।

दूसरे दिन उसने गामा को उस वक्त परडा, जब वह नशे में नहीं था प्रो बोला, तुमने तो यार मेरा मजाक बना दिया है । देखो, जो बुछमैंने तुमसे कहा है, झूठ नहीं है । मैं भी इसान है । खुदा की कमम , मुझे नीद नहीं पाती । आज भी वीम दिन हो गए है मुझ जागते हुए तुम मेरा यादी या वदोबस्त कर दो , नहीं तो , कसम खुदा की , कसम पज तन पान की , मेग साना खराव हा जाएगा । भाभी के पास मेरा पाच सौरपया जमा है जल्दी कर दो बदोबस्त । " ___ गामा ने मूछ मरोडपर पहल कुछ सोचा, फिर कहा, अच्छा, हो जाएगा बदोबस्त । तुम्हारी भाभी से आज ही बात करता हूँ कि वह अपनी मिलने- जुलने वालियो म पूछताछ करे ।

डेढ़ महीन पदर अदर बात पक्की हो गई । समद पलर्दगर की लटकी प्रायशा गामा की बीवी को बहुत पसद आई । सूबसूरत थी पर का वामकाज जानती थी । वसे समद भी भला प्रादमी था । मुहल्ले वाले उसकी इज्जत करते थ । भोल मेहनती था , त दुरस्त था । जून के महीने मे ही गादी की तारीम पक्की हो गई । समद न बहुत वहा कि वह उननी गर्मिया मे लड़की नहीं व्याहगा , पर गामा न जब बहुत जोर दिया , तब वह मान गया ।

मादी से चार दिन पहले भोर ने अपनी दुलहन के लिए ऊपर कोठे पर टाट के पर्दे का व दोवस्त पिया । वास बडी मजबूती से चारपायो में पाया में वाधे । टाट सूब क्मर लगाए । चारपाइयो पर नये पेस विद्याए । इ सुगही मुण्डेर पर रखी । शीशे या गिलास बाजार से परोद लाया । सब बाम उसने बड गौष मे लिए । रात को जब यह टाट के पर्दे मे घिरकर मोया तो उमको अजीव- मा

नगी प्रावाजें / 177