पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/१८९

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कर । अगिया पहना करेगी तो इनकी सरताई ठीक रहेगी । ___ सुगधी यह सुनकर हस दी थी, जमुना, तृ सबको अपने सरीखा समझती है । दम स्पये मे लाग तरी वोटिया तोट कर चले जात है तो तू समझती है कि सबके साथ ऐसा ही होता होगा कोई मुमा लगाए तो ऐसी वैमी जगह हाथ अरे हा , कल की बात तुझे सुनाऊ । रामलाल रात के दो बजे एक पजाबी को लाया । रात का तीस रुपया तय हुआ । जब सोने लगे तो मने वत्ती बुझा दी । अरे वह तो डरन लगा । सुनती हो जमुना | तेरी कसम , अधेरा होते ही उसका सारा ठाठ हवा हो गया । वह डर गया । मैंने कहा, चलो, चलो । देर क्यो करते हो ? तीन वजन वाले हैं अभी दिन चढ़ पाएगा । बोला , रोशनी परो । रोशनी परो । मैंने कहा , यह रोशनी क्या हुया ? बोला लाइट लाइट । उमको भिंची हुई आवाज सुनकर मुझम हमी न रुकी । मैंने कहा, भई मैं तो लाइट न करगी । और यह कहकर मैंने उसकी मास भरी रान मे चुटकी ली । वह तडपकर उठ बैठा और ताइट श्रान कर दी । मैंने भट से चादर आढ ली और कहा, तुझे गम नही पाती मदुए । यह पलग पर पाया तो मैं उठी और लपक्कर लाइट बुझा दी । वह फिर घबराने लगा तेरी क्सम , वडे मजे मे रात कटी । कभी अवेरा कभी उजाला , कभी उजाला , कभी अधेरा । टाम की खटखटाहट हुई तो पतलू ा वतलून पहनकर वह उठ भागा साले न तीस रुपय सट्ट में जीते होग, जो यू मुफ्त दे गया जमुना , तू विल्कुल अल्हड है । बडेबडे गुर याद हैं मुझे इन लोगो को ठीक करन के लिए ।

सुगची पो सचमुच बहुत -मे गुर याद ये, जो उमन अपनी एक दो सहलियो को बताए भी थे । आम तौर पर वह यह गुर सबको बताया वरती थी अगर प्रादमी भला हो ज्यादा बातें न करन वाला हो , तो उमसे खूब शरारतें करो, अनगिनत वातें करो, उसे छेडो , सतायो, उसके गुदगुदी करो , उससे खेलो अगर दाढी रसता हो तो उसमे उगलियो से क्धी करत -करते दो चार बाल भी नोच लो , पट वडा हो तो थप थपामो उसको इतनी मोहलत हो न दो कि अपनी मर्जी के मुनाधिक

186 / टोया टेवसिंह