पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/२१६

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मैं उत्तर में कुछ करने वाला था कि उसने अपन साथिया मे से एक जा भागकर जा, स सम्बोधित होकर कहा, 'अरे क्या नाम है तरा और क्या नाम है उस डाक्टर का ममझ गए ना, उससे कह कि ममद भाइ तुझे वुलाता है एक्दम जल्दी आ एक्दम सब काम छोड दे और जल्दी आ और देख, साले से कहना सब दवाए लेता पाए।' ममद भाई ने जिसको यह आदेश दिया था, वह एकदम चला गया। मैं सोच रहा था-मैं उसको देख रहा था-वे समस्त कहानिया मेरे मस्तिष्क म न फिर रही थी जो मैं उसके सम्बध म लोगा से सुन चुका था, लेविन गड्डमड रूप में क्याकि बार बार उसकी ओर देखने के कारण उसकी मूछे सब पर छा जाती थी-बडी भयानक लेक्नि बडी सुदर मूछे थी । लेकिन ऐसा तगता था कि उस चेहरे को, जिस नयन नक्श बडे कामत है क्वल भयानर बनाने के लिए यह मूर्छ रखी गई है । मैंने सोचा वि वास्तव में यह व्यक्ति उतना भयानक नहीं है जितना कि उसन स्वय को बना रखा है। साली मे कोई बुर्सी रही थी। मैंन ममद भाई से कहा कि वह मेरी चारपाई पर वैठ जाए लेकिन उसने इकार कर दिया और बडे रखे स्वर मे कहा, 'ठीक है- हम पड़े रहगे।' फिर उसने टहलते हुए-हालादि उस खोती में इस ऐश्वय की कोई गुजाण नही थी~कत या दामन उठावर पायजामे के नफे स एक खजर निकाला-मैं समभा चादी का है । इस प्रकार चमक रहा था कि मैं अापस क्ष्या कहू । यह खजर निगलकर पहले उसने अपनी कलाई पर फेरा जो बाल उसकी पकड़ में आ गए, सब साफ हो गए। इसपर वह स तुष्ट मा हो अपन नाखून तराशने लगा। उसक आगमन ही से मेरा बुखार कई डिगरी कम हा गया था। अब मैंन कुछ होश म पावर कहा-'ममद भाई । यह छुरी तुम इस तरह नफे म यानी बिल्कुल अपने पेट के साथ रखत हो~इतनी तेज है, क्या तुम्ह डर नहीं लगता" ममद ने खजर से अपन नाखून की एक फाफ बडी सफाई से उडाते हुए उत्तर दिया 'विम्टो भाई । यह छुरी दूसरा के लिए है। यह अच्छी ममद भाई1213