पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/७७

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बठक मे सिड़की के पास बैठकर जब मसऊद ने हाली को दोना हाथा स पक्डार घुटने पर रखा तो उसे सयाल आया कि जरा-मा दवाव डालन पर भी हाकी मे झुकाव पंदा हो जाएगा और अधिक जोर नगान पर तो हैण्डल चटास से टूट जाएगा । उसन घुटने पर हाकी के हैण्डल में भुवाव तो पैदा कर लिया लक्नि अधिक म अधिर जोर लगान पर भी वह टूट न मका। देर तक वह हाकी के साथ दगल करता रहा। जब थमकर हार गया तो झुंझलाकर उसन हाकी परे फेंक दी। 78/ टोबा टेवसिंह