पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/९२

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त्रिलोचन वडी उलझन मे था, जैसे कमा करने करते उमकी दादी के बाल आपस मे उलझ गये हो । जब उमने नहीं कहा तो उसके कहने मे तासापन था। मोजेल के हाठा पर लिपस्टिक वासी गोश्त की तरह मालूम होती थी । वह मुस्कराई तो त्रिलोचन को एसा लगा कि उसके गाव म झटके की दुकान पर कसाई ने छुरी से गोश्त के दो टुकडे कर दिए हो। मुम्कराने के बाद वह हसी । 'तुम अव यह दाढी मुडा डालो तो क्सिी- को भी क्सम ले लो, मैं तुमस गादी कर लूगी।' त्रिलोचन के जी मे आई कि उससे कह दे कि वह एक बडी शरीफ, सुगील और लजीली क्वारी लडकी मे प्रेम कर रहा है और उमसे ही गादी करगा । मोजेल उसके मुकाबले मे निलज्ज है बरमूरत, वेवफा और कपटी है । लेकिन वह इस तरह का प्रोछा प्रादमी नहीं था। उसने मोजेल से केवल इतना ही कहा, मोजेल, मैं अपनी शादी का फमला कर चुका हू । मेरे गाव की एक सीधी मादी लडकी है, जो मजहब की पाब द है। उमीके लिए मैंने बाल बटाने का फसला कर लिया है। मोजेल सोच विचार की प्रादी नहीं थी लेकिन उसने कुछ देर सोचा और खडाऊ पर पाये दायर म घमकर निलोवन स कहा अगर वह मज- हर की पावद है तो वह तुम्हे कसे स्वीकार करेगी ? क्या उस मालूम नही कि तुम एक बार अपने बाल कटवा चुके हो ? 'उमको अभी मालूम नही-दागे मैंन तुम्हार देवलाली जान के वाद ही बढानी शुरू कर दी थी, केवल प्रायश्चित्त के रूप में। उसके बाद मरी कृपाल कौर स मुलाकात हुई । लकिन मैं पगरी इस तरह से वाधता हू कि सौ मे से एक ही प्रातभी मुशिल स जान सकता है कि मेर के पटे हुए हैं। लेकिन अब ये बहुत जल्दी ठीक हो जाएगे । विलोवन न अपन मुला- यम बालो म उगलिया से कघी करना शुरु की। यह बहुत अच्छा है- लेकिन ये कम्बरत मच्छर यहा भी मौजूद हैं । दखो, फिस जोर स काटा ग्रिलोचन ने दूसरी ओर दखना शुरू कर दिया। मोजेन ने उस जगह, जहा मच्छर ने काटा था, उगली से थूक लगाया और कुता छोडकर सीधी i मोजेल /93 ।