पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/९३

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गरी हो गई। यहा रही है मुम्हारी मारी। 'म भी कुछ पाये। या रजियन हिो गया। मुधदर तर पीरती फिर मानत न उगरी मनापा भनुमान लणार यी गम्भीरला ग पूm faITT तुम मश गाह' प्रिपा ममप दिगो शिपापी जरा धी ' ' मानाही TI TI आम गारा पिम्मा मुगारिया। मानन मी 'तु मयत दर्जय दिवट हो । जापा, उमरा प्रामा, एगी पपा मुनि है. 'मुनि मार तुम दम मार पी नजारा भी नहीं समझ समतो-ft भी मामी नजारामा रामभार लिए तुम बहुत हो सियालयो। यही वजह है कि मर मार तुम्हार सम्बध टूट गए, जिया मुरुगारी उपभपमोग रहगा। मोजल जोरस अपनी एक पानी नसब साथ मारी मफ- सोम वी डम्ड मिनी, रडियट तुम यह मोचा कि तुम्गरी उमयो मा नाम है उमरा उम मुगल म बचा साना पाहा और तुम बठ गए हागरा वा राना रोन तुम्हार मर सम्म प य भी वन नहीं रह रापत य तुम सिती विम्म प प्रादमी हो और बहुत डरपोर । मुझे निडर प्रारमी चाहिए लेपित छोडो इन बाता at नलो प्रामा तुम्हारी गयो ले मारा। उसन विलापन भी वाह परड ली। त्रिलोचन न घबराहट म उसस पूछा, यहाग 'यहीं से, गहा यह है । मैं उस मुहल्ल यी र एप इट को जानती हूँ चती प्रामो मेर माया मगर सुनो ताकरयू है।' 'मोजल के लिए नहा-चलो प्रायो। वर पितोचन यो सोचती उस दरवाजे तक ले गड, जो नौन सीडिया की ओर पुरता था। दरवाजा सोतरर वह उतरने वाली थी कि व गई और निलोचन वी दाढी की ओर देखने लगी। रिलोचन ने पूछा 'क्या बात है?" 94/ टावा मिह