पृष्ठ:ठाकुर-ठसक.djvu/८३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

(४) कूकना-आवाज से गठजो गाँठ जोड़े। केकी मोर । गँठीलीगाँठदार। केर केला। गठियाना-बाँध लेना। केवार देना दरवाजा बन्द करना। गभुवारवाला, बच्चा (सं० कैफ़ नशा । (अरबी) गर्भालु ) छोटा बच्चा। कैसी सदश, समान। गभुवारे बच्चे, दुधमुंहा बालक । कोक-कामशास्त्र। गरूरी-अभिमान । कोरना छेद करना, (दुख देना)। गरूरीभरोसम्मानपूर्ण । कोरी-कोमल। गलबाँही गले में हाथ डाले । कौंध-चमक गँवावना-बिताना। खगी लगी ही थी, चुभी थी। गस्यो (सं० ग्रसन) प्रसित, जकड़ा खटपट-झगड़े। हुआ, बंधा हुआ। खड़को-खटका, आवाज़। गहगहे जोर से। खरियान-खलियान । गहर-देरी। खरी श्रोप-अतीव सुन्दरता । गाजरें गाजर (जड़ विशेष) खरे अधिक। गाँठ (ग्रंथि) खिझतीं मुझलाती हैं। गाँठ से अपने पास से। खिनखिन-क्षण क्षण । गाफिली-आलस्य, चूक ग़फ़लत । खिनौ क्षण भर भी। गाँस-फंदा । खिसियाना नाराज़ कर देना। गाहने है-गिरो रखा है, बंधक है। खुटानो है खोटा हो गया है। गुइयाँ सखी (गोहनियाँ) संगिनी, खुसामति-खुशामद, जी हजूरी । गुन-डोर । बूँद डालना-पैरों से रौंद डालना। गुरुलोग-बड़े लोग। खूदना पैसे से रौंदेना। गूजरी गूजर जाति की स्त्री। खौर-तिलक। गरगर-चारो ओर। खोरि गली। गैलनाली।