पृष्ठ:तसव्वुफ और सूफीमत.pdf/१३१

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११४ तसव्वुफ अथवा सूफीमत बात न थी। फारिज ने तो यहाँ तक कह दिया कि वैसे आदम की संतान होते हुए भी वस्तुतः वह आदम का बाप है। पिता-पुत्र का यह उलटा सम्बन्ध सन्तों की उलटी से कम नहीं । अब माता-पुत्र का भी सम्बन्ध देख लीजिए । जिलो' कहता है कि मेरी प्रार्थना पर मेरी माताओं ने मुझसे प्रणय कर लिया। उधर एक दूसरे महानुभाव की तो घोषणा ही है कि मेरी माता ने अपने पिता को जन्म दिया। कहने का तात्पर्य यह है कि प्रतीक की सनक और बढ़कर हाथ दिखलाने की कला ने तसव्वुफ़ में उलटी को जन्म दिया और उसके द्वारा सीधी और सरल जनता को मोहा गया। इधर उलटी के ऐसे प्रयोगों के कारण सूफी प्रमत्त कहलाए और उधर इसलाम की भृकुटी से बचकर जनता के सर्वस्व बने । प्रतीकों से सूफियों ने कौन सा काम नहीं लिया ! (१) स्टडीज इन इसलामिक मिरटीसीज्म, पृ० २५५ । (२) पृ०११३। (३) " " " 99 "