पृष्ठ:तुलसी की जीवन-भूमि.pdf/९०

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राजापुर के तुलसीदास '....... ...." - 'मामिलान हाल इस्तकबाल परगनै. गहोरा सिरक कालीजर सूवे इलाहाबाद के... • आगैप मदारीलाल ..:(गो)... साई तुलसीदास जीके..... ...(व)..... स मैका · महसूल : साइरवातिहवा तिहाव..... जो वा कलारी वा गुजर श्री जमुना जी राजापुर अमले पर 'यमूजब सनद बादसाही वा सूबेदारान चा राजा . बुंदेलखंड.. सो सिरकार में हाल है. सो हसव मुवान के अमल सौ मुजाहिम ना हुने हरसाल नई सन मा गयौः।..ता०:२१ सावन (?)सन् १२॥ सन् १७१९ यमुकाम बाँदा। इस सनद पर एक कोने में विस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर हैं, जो बहुत धूमिल होनेसे पढ़े नहीं. जाते और उनके ऊपर उर्दू में लिखा है- हुकुम हुआ २७ दिसंबर सन् १८५१ । इससे प्रकट होता है कि १८४५ में यह किसी मुकदमे में पेश हुई होगी और डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट ने इसको विश्वस्त स्वीकार किया होगा. और उस तिथि को इसे लौटाने की आज्ञा दी होगी। मन की सूझ ठीक है। परंतु सबसे विकट पहेली- तो है इसके सन-संवत की न ! सो देखिए । उन्हीं शुक्ल जी का तर्क है कि- ऊपर की बातों से यह स्पष्ट हो जाता है कि सन १२ (नो १७१२ होगा, क्योंकि नीचे 'सन् १७१९ बमुकाम बाँदा' किसी के उसको 'प्रमाणित करने की तिथि जान पड़ती है।) में सनद लिखने वाले ने बादशाहों, सूबेदारों और बुन्देलखंड के राजाओं की पुरानी सनदें पंडित मदारीलाल के पास अवश्य देखी होगी ।, बादशाहों से मुगल