पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१०३

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दक्षिण अप्रीर्का काउत्तामह

ध्ठु

कम्रिटी से सलाह मशविरा करके ही हरएक काम करते थे | उसी

पाने प्रकार भारत मेंकाम किये हुए अन्य महकर्मों के पेन्शान वाले अधिकारी लोग, भारतीय सचिव-सणठल, तथा उपनिवेशसचिव-मरदल आदि के भी निकट परिचय मेंवेरहते थे। इस प्रकार जद्दों वक हम पहुँच सकते थे ऐसा एक भी पहल नहीं छोड़ा था कि जदाँ कोई प्रयत्न न किया गया हो। इन तमाम

प्रयत्नों कानिश्चित परिणाम तो यह हुआ कि प्रवासी भारतवा-

सियों का प्रश्न बड़ी-साम्राज्य सरकार के लिए एफ महत्त्व

पूरेबर्तु हो गयी ।भौर इसका अच्छा तथा खराब अन्य राज्यों पर असर भी पढ़ा। अर्थात्‌ जहाँ-जहाँ भारतीय और अंगरेल बसते थे वहॉनचहोँवेजाप्रत होगये।