पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/११

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

६ दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह जीत हुए बिना नहीं रह सकती और में गालियों का मन वश में कर सकते हैं। पर पे मालिको का मन वशनपर मके, क्योंकि यह नहीं कहा जा मकता कि गजदूर लोग मन, वचन, फर्म से निर्दोय अर्थात् शान्त रहें। वे काया के द्वारा की गान गर्दै यह भी बहुत है। पाँचवी लडाई रोडा में हुई। मैं नहीं का माना कि इसमें वमाम नेताओं ने पूरी तरह मत्य की रक्षा की। हाँ, शान्ति की रक्षा अवश्य हुई 1 प्रजाजनी की शाति, मजदुरा फो तर, केवल कायिक ही थी। इससे अकेले मान की रक्षा हुई। लोगों में घसी जाप्रति फैली। परन्तु खेडा ने शाति का पूरा पाठ नही पड़ा था। मजदूर शांति का शुद्ध स्वरूप नहीं समझ पार्य थे । इमसे रौलट एक्ट के सत्याग्रह के समय लोगों को कष्ट सहन करना पड़ा। मुझे अपनी हिमालय के यराचर भूल कुबूल करनी पड़ी और उपवास करने और कराने पड़े। छठी सदाई रौलट कानूनवाली थी। उसमें वे मय युराइयाँ जो हमारे अन्दर थीं थाहर उमड़ उठी । पर बुनियाद पक्को यो। अपने तमाम दोष हमने स्वीकार किये और प्रायश्चित्त किया। गैलट कानून का अमल कभी न हो पाया और अन्त को वह काला कानून रह भी हो गया। इस संग्राम ने हमें भारी पाठ पढ़ाया। सातवाँ है खिलाफत, पंनाव और स्वरास्यका युद्ध । वह अभी चल रहा है। उसमें यदि एक भी सत्याग्रही सावित कदम रहे तो विजय निश्चित है। मेरा यह विश्वास व्यों-का-त्यों अडिग है। परन्तु वर्तमान युद्ध महामारत है। उसकी तैयारी अनिच्छा. पूर्वक किस प्रकार हुई, इसका क्रम मैं ऊपर दे चुका हूँ। विरम गाम की चुङ्गी के समय मुझे क्या पता था कि दुसरी लड़ाइयाँ