पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१२२

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युद्ध के बाद पृ लदाईतोसर.१६०० में पूरी हो गयीथी। इस

“बीच लेडी स्मिथ, किंवरक्ी और मेफेगि आदि छुड़ा

लिये गयेथे। बोअरोंने संस्थानोंकाजितना भी मुल्क जीता बह फिर वापस ले लिया गया। अब तो केवल वानरयुद्ध

(गोरीला वारफेअर )ही बच रहा था। ट्रान्सवाल और प्रीस्टेट पर भी ला किचनर ने अपना कब्जा कर लिया ! _ - मैंने सोचा कि अब दक्षिण अफ्रोका में मेरा काम समाप्त हो

गया। एक मह्दीने के बदजे मेछः बरस रह चुका। काये की

रूपरेखा भी बेंध गयी। तथापि बिनां अपनी कौम की आज्ञा के कदापि नहीं जासकता था। मेंने अपने साथियों पर भारत में सेवा करने का अपना देतु प्रकट किया। स्वार्थ केबदले सेवा-

धर्म का पाठ में दक्षिण अफ्रीका में पढ़ चुका था। बस, अब

उसी की क्षगन लग गयी थी। मनसुखलात नाजरदक्तिण-अफ्रीका

में थे ही। खान भी वहीं ये। खास, दक्षिण अफ्रोका से शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लेंड गये हुए कितने ही नौजवान बैरिस्टर द्वोकर वापिस भी क्ौट आए थे । अर्थात्‌ इस