पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१५९

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देलिय श्रफ्रीका का सत्याग्रह

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और नामद साबित होंगे ।इसलिए इसमें तित्न-मात्र भी सन्देदद नहीं कि यह अवसर शपथ लैने का है। पर यह वात तो दर एक

॥8.

आदमी को अपने आप सोचनी होंगी कि उसे लेने की शक्ति उसमें हैया नहीं । ऐसे प्रस्ताव बहुमत से नहीं पास किये जाते। जितने आदमी कसम खादेंगे उतने ही उसके द्वारा बाँघे जावेंगे।

ये कसमें महज दिखाबे के लिए नहीं खायी जाती हैं. |कोई इस

बात का भी तिलमात्र विचार न करे कि इसका असर यहाँ को

सरकार, बड़ी सरकार या भारत सरकार पर क्या पड़ेगा |दरएक

आदमी केवल अपने हृदय पर हाथ रखकर उसीको टटोजे और

थदि इतना करने पर उसकी अंतरात्मा आज्ञा देकि मुझ मेंकसम

खाने की शक्ति हैतभी कसम ले और वही सफल भी होगी ।

“अब कुछ शब्द इसके परिणाम के विषय में कहता हूँ ।

अच्छी सेअच्छी आशा रखते हुए यह कद्दा जासकता है कि

यदि सभी अपनी-अपनी प्रतिज्ञाओं पर कायस रहें, भारतीयों मेंसे

अधिकाँश यह कसम खा सकें तो यह कानून पास न होगा और

यदि हो भो जाय तो जरूर फौरन्‌ रद होंजायगा। कौम को अधिक कष्ट भी न हो। यह भी हो सकता हैकि कुछु भी कष्ट न हो |

“पर जिस प्रकार प्रतिज्ञा लेनेवाले का धर्मएक प्रकार से भ्रद्धापूवक आशा रखता हैउ्ती प्रकार दूसरी तरह से केवश निराशाबादी

घतकर कसम खाने के लिए भी उसे तेयार रहना चाहिए। इसी

'क्षिए हमारे युद्ध के जो कहुए से कछुए परिणाम द्वो सकते हैं उनका चित्र मैंइस सभा के सामने खींच देना चाहता हूँ । यहाँ “पर हस जितने मनुष्य उपस्थित हैं वेसब शपथ ले लें। अधिक से अधिक यहाँ पर३००० की उपस्थिति होगी । हो सकता है कि

औशीष १०००० प्रतिज्ञा न लें । झारम्म में तो अवश्य ही "हमारी हँसी होगी। तथापि इतनी चेतावनी देने पर भो बहुत