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सत्पाग्रह का जन्म
मुक्ति काकारण भारतोयों की दत्तचल्न हैया खवय॑ सरकार ने पुनः विचार करके मि० किस को शासनपद्धति को अल्वीकार करते
हुए लौकिक व्यवहार फो 'अधिक सम्मान दिया । सरकारी पक्ष का यदद दावा था कि कौम की हलचल के कारण नहीं बल्कि
स्वयं सरकार दी स्वतन्त्रर्प से उस निणेय पर पहुँची थी। जो हो पर कौम ने तो 'काकदालीय न्याय” के अनुसार यही सममा कि यह उसके आन्दोलन का ही परिणाम था और स्वभावतः इससे आन्दोलन का रंग भी जमा। हम मे से कोई भी इस बात को नहीं जानते थे कि कौम के इसः
निश्चय अथवा आन्दोलन फो किसी नाम से पुकारा जाय। उस' समय मैंने इस आन्दोलन का नाम 'पेसिव रेजिस्टेन्स! रक्खा । मैंउस समय पेसिव रेजिस्टेन्स का महत्त्व भी न तो जानता था और थे सममभता ही था। मेंतो केवल यही जानता था कि एक
नवीन वस्तु का जन्म हुआ है। पर जेसे-जेसे आन्दोलन बढ़ता गया वेसे-बैंस 'पैसिव रेजिस्टेंस' नाम से घोटाक्षा होने कषगा ओर इस मद्दानु युद्ध को एक अग्नेजी नाम से पुकारना भी मुझे लज्ञाजनक मालूम हुआ |दूसरे कौम को यह शब्द जल्दी "याद
होने लायक भी न था। इसलिए इस युद्ध के शिए सर्वोत्कष्ट नाम हूँदनेवाले के लिए मैंने “इण्डियन ओपीनियन” में एक छोटे से इनाम को घोषणा की। उत्तर मेंकितने ही नाम आये | उस
समय युद्ध के रहस्य की चर्चा “इस्डियन ओपीनियन” मेंअच्छी तरद्द दो चुकी
थी। इसलिए उम्मीदवारों के ज्ि० उस शब्द को'
दँढने के लिए प्रमाण की कोई कमी न थी। मगनताल गांधी'
ने भी इस प्रतिस्पर्धा में भाग लिया था। उन्होंने 'सदाग्रह!
नाम भेजा | इस शब्द को पसंद करने के क्षिए उन्होंने कारण
बताते हुए लिखा था कि कौम का आन्दोज्नन एक भारी आग्रह