पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१८६

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वक्र राजनीति अथवा ज्ञणिक हर्ष करे मेंउतरते दी और खासकर जोहान्सबग पहुँचकर हमने देखा कि भदिरा मेंमिले हुए तार को हम जितना महत्त्व देतेथेवास्तवमेंवह उतना महत्त्वपूर्ण नहीं था। मि. रिच का उसमें कोई दोष न था। उन्होंने तो कानून को नाम॑जूर होने फेविषय मेंजो कुछ सुना थावद्दी तार सेलिख भेज्ञा था। दस ऊपर देख

घुके हैं किउस समय ट्रान्सवाल सल्तनती संस्थान था |ऐसे संस्थानों केराजदूत सन्‍्त्री को अपने संध्थान की हालत से हमेशा परिचित रखने के लिए इंग्लैंड मेंरहते हैं। ट्रान्सवाल की ओर से सर रिचर्ट सालोमन दक्षिण अफ्रीका के रुयातनामा वकील-रालदूत

थे। उस “खूनी कानून” को नामंजूर करने फा अस्ताव लाहे एल्गिन ने सर रिचड साक्षोमन की सलाह से ही किया

था। सन्‌ १६०७

की जनवरी की पहली तारीख से ट्रान्सवाज्ञ कोउत्तरदायित्वपूर्ण

शासन दिया जानेवाला था। इसलिंए लाडै एल्गितनेसर रिचर्स साल्ोमन को यह आश्वासन दिया कि यदि यद्दी कानून उत्तरदायिल्वपूर्ण शासन की धारा-सभा मेंस्वीकृत हो जाय तो बड़ी सरकार उसे नामंजूर नहीं करेगी | पर जबतक ट्रान्सवाल