पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१९०

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अहमद मुहम्मद काइलिया टेपेशजब बिलायत जा रहा था तब दक्षिण अफ्रीका

में रहे हुए एक अंग्रेज ने मेरे मुँह से ट्रान्सवाल

के कानून की बात सुनी और साथ द्वीजब हसारा विज्ञायत जाने का फारण भी झुना तब वह बोज्न उठा--“*आप कुत्ते का पट्टा ( डॉग्स कॉलर ) पहनने से इन्कार करना चाहते हैं।” उस अंग्रेज ने ट्रान्सवाल्न केपरवाने का यह नाम रकक्‍्खा था। यह

बात तो में उससमय और उस घटना का उल्लेख करते समय

अभी तक भी नहीं समझा कि उसने ये वचन अपने पट्टे के लिए

खुश होकर तथा भारतीयों के प्रति तिरस्कार वचाते हुए कद्दा था

या उनकी अवस्था के प्रति सहानुभति दिखाते हुए कहा था। तथापि इस सुनीति का अनुसरण करते हुए कि किसी भी भलुष्य के कददने करा अर्थ इस तरह नहीं करना चाहिए कि

जिससे उसके साथ कोई अन्याय दो, मेंउस अँग्रज के शब्दों

का अर्थ यही सममता हूँकि उसने वेहमारी स्थिति का यथार्थ बोध देनेबाले शब्द हमारे साथ हमद्दी दिखाने के लिए ही कह्दे