पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/१९१

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दहिण श्रफ्ीफ़ा का सत्याग्रह

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थे। एक ओरसेट्रान्सवाल सरकार इमेंयहपढ्टापहनाने की कोशिश कर रही थी, दूसरी ओर से फौम इस यात को तैयारियाँ कर रही थी कि वह अपने निश्चय पर छिस प्रकार कायम रह सकती हैंतथा वहाँ की सरकार करी छुनोति | सामना कैसे किया जा सकता है । ईँलेंड और भारत के मित्रों को पत्र बगेरा लिखकर पर्तमान परिस्थिति से परिचित रखने फा

काम तो जारी ही था। पर सत्याप्रह का युद्ध बाह्योपचारों पर बहुत कम निर्भर होता है। उसकी विज्ञय भीतरी उपचारों

पर ही निर्भर हुआ करती है। इससे क्षौम के तमाम अंग ताजे

ओर तेज-तर्ररहते ार हैं।नेताओं कासमय इन उपायों मेंहो नह होता था।

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अब कौम के सामने' एक महत्व का प्रश्न खा होगया और बह यह कि सत्या्रह का काम किस मण्डल के द्वारा लिया लाये ? ट्रान्सबाल ब्रिटिश एसोसियेशल मेंतो बहुत से सदस्य

थे। उसकी स्थापना के समय सत्याग्रह का जन्म सी नहीं हुआ था। उस सरदल को एक नहीं अनेक कामूनों केसाथ झगढना पढ़ता था और श्रत्र भीमगढना था | इसके श्रतिरिक्त भो उसे

कई सामाजिक और राजनैतिक काम करते थे | दूसरे, यह वात भी

नहीं थी कि उस मएहत्न के उसाम सभासद्रों ने प्रतिज्ञा लो हो। साथ ही उस सर्द को अन्य बाहरी जिम्मेदारियों का

भी खयाल रखना जरुरी था। फिर सत्याप्रद केआन्दोलन को

अआान्सवात्ष सरकार राजद्रोह्दी माने वो?साथ ही इस आन्दोलन का संचालन करनेवाज्ी संत्याओं को भी बह राजद्र ोही ठहर दे सो

! इस संस्या के जो सदस्य सत्याप्रही न हों. उनका क्या सत्याग्रह के पहले से जिन्होंने उस संस्या नो पैसे देरख्खेहो) « उनकपैसे े काक्याकियाजायगा९ इन सवद बातोंपर विचारहों