पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/२११

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इंडियन ओपीनियन! स्‌तण््यद के भीवरी और बादरी दोनों साधनों को पाठकों के सामने रख देना चाहिए। इसलिए

(हैडियन ओपीनियन” नामक जो अखबार दक्षिण अफ्रीका में _

अबतक निकल रहा है;उसका परिचय सी पाठकों को करा देना आवश्यक है। दत्तिण अफ्रीका में पहला छापाखाना स्थापित करने छा यश मदनजीद व्यावहारिक नामक एक

गृहस्थकोहै। कुछ सालतक उन्होंनेवढ़ीकठिनाईसेइस छापाखाने कोचलाया और बाद यह स्थिर किया कि वहांसे कोई सामयिक पत्र निकाज्ञा जाय। इसपर उन्होंने खर्गीवे सर

सुखलाल़ नाजर की और मेरी सलाह ली। पत्न दवन से निकाला

गया । श्री मनसुख्ाक्ष नाजर उसके अवेतनिक संपादक

हुए। पर पत्र में पहले ही से घटी आने लगी। अन्त मेंयद

तय हुआ कि उसमें कामकरमे वालों को भागीदार अथवा बतौर

भागीदार बनाफर एक खेद खरीदा जाय और उन लोगों को वह्ों बसाकर पहीं 'इंडीयन ओपीनियन! निकाला जाय। यह

खेत ढवेन से १३ सील की दूरी पर एक सुन्दर टेकढ़ी पर है।