पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/२२७

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दक्षिण श्रफ्तीका का सत्याग्रह

र्र्र

भी बढ़ गया है। वाढेर बड़ा भत्ता आदमी था। वह तो केवल

इस आज्ञा की राह देख रहा था उसने बड़े उत्साह के, साथ'

हमें रोज सुबह ड्रिल सिखाना शुरू किया। ड्रिल तो हमारी कोठरी

केसामनेवाले छोटे सेआँगन में हीदोसकती थी। इसलिए

घूम-फिर कर हमें वहाँ चक्कर काटने पढ़ते थे। कमी-कमी इस बाढर की आज्ञा से एक पठान भाई नवाब्खान उसकी

भतुपस्थिति मेंड्रिल कराते और अंग्रेजी शब्दों के अपने उदू' उदारों

सेहमेंखुबहंसात'स्टेड े। एंट इज! कोवे'हेंटलीज” कहते । इुछ्च रोज तक यही हमारी समम मेंनहीं आया कि यह कौन

सा हन्दुस्वानी शब्द है। बाद में अकत्न दौढ़ायी तो खंयाह'

“आया कि अरे , यह तो नवाबद्ानी शेँप्रेजी है।