पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/२२८

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पहला समभोता स प्रकार १४ दिन बीते द्वोंगे कि नये आमेबाले लोग ख़बर ज्ञाने लगे कि सरकार के साथ सुज्ह की

  • कोई बातचीत चक्ष रही है। दो तीन दिन बाद जोहान्सबर्ग

के 'ट्रान्सवाल लोडर' नामक देनिक के सम्पादक अल्बर्ट काटराइट मुझसे मिलने केलिए आये। उस समय जोहान्सबर्ग

मेंलितने सेनिक थे; वे सब सोने की खानवाले किसी न किसी

गोरे के द्वाों मेंथे। अतः उन्तके खास स्वार्थ को छोड़कर

सम्पादक ज्ञोग अन्य सब प्रश्नों पर अपने स्व॒तन्त्र विचार जाहिर

कर सकते थे । इन पत्रों के सम्पादक हमेशा विद्वान और विख्यात पुरुष हो चुने जाते थे। 'स्टार! नामक एक दैनिक के सम्पादक एक सम्रय लाढें मिलनर के खास मन्नी थे। वे (स्वर! को छोड़कर 'टाइस्स' के सम्पादक मि० बकतन का स्थान लेने

के क्षिए विज्ञायव गये थे। अत्बर्ट फाटेराइट बड़े चतुर और

” झतिशय उदार हृदय सत्जन थे। वे अपने अप्रलेखों तक में

अक्सर भारतीयों का ही पक्ष लिया करते। भेरे औरउनके बोच गहरा स्लेह-सम्बन्ध हो गया था और मेरे जेल जाने के.-